खामोश लोगों के दिमाग हमेशा शोर मचाते हैं

जो बीज अपने छिलके उतरने ना दे वह कभी एक फलदार दरख़्त नहीं बन सकता

मंजिलें चाहे कितनी ऊंची क्यों ना हो रास्ते हमेशा पैरों के नीचे ही होते हैं

ख्वाब जिनके ऊंचे और मस्त होते हैं इम्तिहान भी उनके जबरदस्त होते हैं

नाझ किया उसे पर जो बदला है  जमाने ने तुम्हें मर्द है वह जो जमाने को बदल देते हैं

मकड़ी का जाल अगर एक जगह होतो एक शेर को भी जकर सकता है है

रमजान का पहला दिन मस्जिदे अक्सा मैं, एक साथ हुऐ मुसलमान