शौर्य दिवस पर एकमत नहीं विश्व हिंदू परिषद विनोद बंसल:"हमारे शौर्य दिवस कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं हुआ है. ये संपूर्ण भारत वर्ष में वैसे ही मनाया जाएगा जैसे हर साल मनाया जाता है.
शरद शर्मा ''इनका आयोजन अब इस साल से बंद होना चाहिए. तो उसी के अनुसार हम इस बार ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं करने जा रहे हैं. हां, घरों, मंदिरों इत्यादि जगहों पर दीप जलाना, पूजा अर्चना जैसे कार्यक्रम किए जा सकते हैं."
मुस्लिम पक्ष में भी मतभेद वहीं मुस्लिम पक्ष भी इस पर एकमत नहीं हैं कि इस बार बाबरी विध्वंस की बरसी पर योमे-ग़म यानी शोक दिवस या काला दिवस के रूप में मनाएं या नहीं
इक़बाल हाशिम अंसारी कहते हैं कि अब जबकि फ़ैसला आ चुका है और विवाद क़ानूनी तौर पर भी ख़त्म हो चुका है तो इसे मनाने का कोई औचित्य नहीं है.
हाजी महबूब कहते हैं, "बाबरी मस्जिद का गिराया जाना हमारे लिए एक काला दिन था और हम उसी तरह से इस दिन शोक मनाएंगे जैसे कि पिछले 27 साल से मनाते चले आ रहे हैं
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